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टूटी उम्मीदें

SARANSH

बहुत बिखरा बहुत टूटा और टूटी उम्मीदों के थपेड़े सह नहीं पाया,

हवाओं का जोर बहुत था पर उनके इशारों पर बह नहीं पाया,

अधूरा अनसुना ही रह गया ये रिश्ता ये प्यार का किस्सा,

कभी तुम सुन नहीं पाई कभी मै कह नहीं पाया।

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