टूटी उम्मीदेंSARANSHFeb 15, 20211 min readबहुत बिखरा बहुत टूटा और टूटी उम्मीदों के थपेड़े सह नहीं पाया,हवाओं का जोर बहुत था पर उनके इशारों पर बह नहीं पाया,अधूरा अनसुना ही रह गया ये रिश्ता ये प्यार का किस्सा,कभी तुम सुन नहीं पाई कभी मै कह नहीं पाया।
बहुत बिखरा बहुत टूटा और टूटी उम्मीदों के थपेड़े सह नहीं पाया,हवाओं का जोर बहुत था पर उनके इशारों पर बह नहीं पाया,अधूरा अनसुना ही रह गया ये रिश्ता ये प्यार का किस्सा,कभी तुम सुन नहीं पाई कभी मै कह नहीं पाया।
मैं मिलूं या जो तुमसे मिला थातो मैं मिलू या जो तुमसे मिला करता था वहीं मिलू जहां मिला करता था, बैसे ही जैसे मिला करता था, काम की बात करू या वही हसी ठिठोली की बातें...
कहानियांवो इश्क ढूंढती रही कहानियों में, कोई बयान कर गया शायरियों में। जब तक चरित्र में बरवादियां ना हो आदमी कहानी नहीं बनता।
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