टूटी उम्मीदें
- SARANSH
- Feb 15, 2021
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बहुत बिखरा बहुत टूटा और टूटी उम्मीदों के थपेड़े सह नहीं पाया,
हवाओं का जोर बहुत था पर उनके इशारों पर बह नहीं पाया,
अधूरा अनसुना ही रह गया ये रिश्ता ये प्यार का किस्सा,
कभी तुम सुन नहीं पाई कभी मै कह नहीं पाया।
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