top of page
Search

मुझ जैसे

SARANSH

अक्सर उदास चेहरों को में हसा देता हूं,

मुझसे मुझ जैसे लोग देखे नहीं जाते।

3 views0 comments

Recent Posts

See All

मैं मिलूं या जो तुमसे मिला था

तो मैं मिलू या जो तुमसे मिला करता था वहीं मिलू जहां मिला करता था, बैसे ही जैसे मिला करता था, काम की बात करू या वही हसी ठिठोली की बातें...

कहानियां

वो इश्क ढूंढती रही कहानियों में, कोई बयान कर गया शायरियों में। जब तक चरित्र में बरवादियां ना हो आदमी कहानी नहीं बनता।

ज़ालिम

दोस्त बनकर साथ ना देने बाला, वहीं अंदाज है ज़ालिम का जमाने बाला।

Comments


©2019 by Smile Please. Proudly created with Wix.com

bottom of page