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कुछ इश्क किया कुछ काम किया

SARANSH

वो लोग खुद किस्मत थे जिन्होंने इश्क को काम समझा और काम से इश्क किया,

हम तो जीते जी मशरूफ रह गए, कुछ काम किया कुछ इश्क किया काम इश्क के आड़े आता रहा, इश्क से काम उलझता रहा ,

फिर आखिरकार हमने दोनों को अधूरा छोड़ दिया

ना इश्क किया ना काम किया।

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