कुछ इश्क किया कुछ काम कियाSARANSHFeb 15, 20211 min readवो लोग खुद किस्मत थे जिन्होंने इश्क को काम समझा और काम से इश्क किया,हम तो जीते जी मशरूफ रह गए, कुछ काम किया कुछ इश्क किया काम इश्क के आड़े आता रहा, इश्क से काम उलझता रहा ,फिर आखिरकार हमने दोनों को अधूरा छोड़ दिया ना इश्क किया ना काम किया।
वो लोग खुद किस्मत थे जिन्होंने इश्क को काम समझा और काम से इश्क किया,हम तो जीते जी मशरूफ रह गए, कुछ काम किया कुछ इश्क किया काम इश्क के आड़े आता रहा, इश्क से काम उलझता रहा ,फिर आखिरकार हमने दोनों को अधूरा छोड़ दिया ना इश्क किया ना काम किया।
मैं मिलूं या जो तुमसे मिला थातो मैं मिलू या जो तुमसे मिला करता था वहीं मिलू जहां मिला करता था, बैसे ही जैसे मिला करता था, काम की बात करू या वही हसी ठिठोली की बातें...
कहानियांवो इश्क ढूंढती रही कहानियों में, कोई बयान कर गया शायरियों में। जब तक चरित्र में बरवादियां ना हो आदमी कहानी नहीं बनता।
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