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Life and dream

SARANSH

Updated: Jan 30, 2020

You want something and you get it,

Then what is that difference between real life and what you dream?

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मैं मिलूं या जो तुमसे मिला था

तो मैं मिलू या जो तुमसे मिला करता था वहीं मिलू जहां मिला करता था, बैसे ही जैसे मिला करता था, काम की बात करू या वही हसी ठिठोली की बातें...

कहानियां

वो इश्क ढूंढती रही कहानियों में, कोई बयान कर गया शायरियों में। जब तक चरित्र में बरवादियां ना हो आदमी कहानी नहीं बनता।

मुझ जैसे

अक्सर उदास चेहरों को में हसा देता हूं, मुझसे मुझ जैसे लोग देखे नहीं जाते।

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