फालतूSARANSHFeb 15, 20211 min readजिसकी गलतियों से भी मैंने रिश्ता निभाया है,उसने बार बार मुझे फालतू होने का एहसास दिलाया है।
मैं मिलूं या जो तुमसे मिला थातो मैं मिलू या जो तुमसे मिला करता था वहीं मिलू जहां मिला करता था, बैसे ही जैसे मिला करता था, काम की बात करू या वही हसी ठिठोली की बातें...
कहानियांवो इश्क ढूंढती रही कहानियों में, कोई बयान कर गया शायरियों में। जब तक चरित्र में बरवादियां ना हो आदमी कहानी नहीं बनता।
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